🙏 गुरुदेव का 83वां जन्म दिवस 🙏

Gurudev's 83rd Birthday Celebration

ईश्वरीय सृष्टि का अद्भुत चमत्कार
एक पुरातन ऋषि का दिव्य जन्म

१४ सितम्बर सन् १९४२ में उत्तर-प्रदेश के गाजियाबाद जिले के, ग्राम खुर्रमपुर-सलेमाबाद में एक विशेष बालक का जन्म हुआ। बालक जन्म से ही एक विलक्षणता से युक्त था।

विलक्षणता का रहस्य

जब भी यह बालक सीधा, श्वासन की मुद्रा में, कुछ अन्तराल लेट जाता या लिटा दिया जाता, तो उसकी गर्दन दायें-बायें हिलने लगती, कुछ मन्त्रोच्चारण होता और उसके उपरान्त विभिन्न ऋषि-मुनियों के चिन्तन और घटनाओं पर आधारित ४५ मिनट तक, एक दिव्य प्रवचन का प्रसारण होता।

जन-मानस का आश्चर्य

एक अपठित ग्रामीण बालक के मुख से ऐसे दिव्य प्रवचन सुनकर जन-मानस आश्चर्य करने लगा। बालक की ऐसी दिव्य अवस्था और प्रवचनों की गूढ़ता के विषय में कोई भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं था।

शृङ्गी ऋषि का अवतार

इस स्थिति का स्पष्टीकरण भी दिव्यात्मा के प्रवचनों से ही हुआ। यह आत्मा सृष्टि के आदिकाल से ही विभिन्न कालों में, शृङ्गी ऋषि की उपाधि से विभूषित और सतयुग के काल में आदि ब्रह्मा के शाप के कारण इस युग में जन्म लेने का कारण बनी।

दिव्य सत्संग की स्थिति

जैसे ही यह शरीर श्वासन की मुद्रा में आता तो इस दिव्यात्मा का पूर्व जन्मों का ज्ञान उद्बुद्ध हो जाता और अन्तरिक्ष में उपस्थित सूक्ष्म शरीरधारी दिव्यात्माओं के समक्ष एक सत्संग सदृश्य स्थिति बन जाती। इन प्रवचनों में ईश्वरीय सृष्टि का अद्भुत रहस्य समाया हुआ है, जो किसी भी मनुष्य को, समाज और राष्ट्र को उच्च कोटि का जीवन जीने का कारण पैदा करने का सामर्थ्य रखते हैं।

Maharishi Shringi Rishi - Kaliyuga Avatar

कलयुग में आए महर्षि श्रृंगी ऋषि

Gurudev Brahmachari Krishna Datt Ji

गुरुदेव ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त जी

आश्विन कृष्ण तृतीया विक्रम संवत 1999, को सृष्टि की एक अद्भुत घटना घटी, जिनके द्वारा ज्ञान का दिव्य प्रकटीकरण हुआ, जिनसे प्राप्त ज्ञान, मानव जाति के लिए ईश्वरीय वरदान हैं।

🙏 प्रभु से प्रार्थना है:

हम सभी गुरुदेव के 83वें जन्म दिवस पर संकल्पित हों कि जो दिव्य ज्ञान प्राप्त हुआ है उसके प्रसारक बनें।

🎉 जन्म दिवस की शुभकामनाएं:

गुरुदेव ब्रह्मचारी कृष्ण दत्त जी के जन्म दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।

📖 विशेष लेख:

इस अवसर पर मैंने एक लेख लिखा है। संभव हो तो पढ़िए, संकल्पित होइए। 🙏

यज्ञ श्रेष्ठ कर्म

Yagya Shresth Karma - The Noblest Action

"यज्ञो वै श्रेष्ठतमं कर्म।"

यज्ञ सर्वोत्तम कर्म है।

"Yagya is the noblest of all actions."

— शतपथ ब्राह्मण / Shatapatha Brahmana 1.7.1.4

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥

— भगवद्गीता / Bhagavad Gita 2.47

🇮🇳 हिंदी अर्थ:

तुझे केवल कर्म करने का ही अधिकार है, फल पर कभी भी नहीं।

अतः तू अपने कर्मों को फल की आशा में मत कर, और न ही कर्म न करने में ही आसक्त हो।

• इंसान को अपना कर्तव्य करना चाहिए।

• फल (परिणाम) भगवान और प्रकृति पर छोड़ देना चाहिए।

• कर्म करते रहना ही धर्म है।

🌍 English Translation:

You have a right only to perform your prescribed duties, but never to the fruits of your actions.

Let not the fruits of action be your motive, nor let your attachment be to inaction.

👉 In essence:

• Focus on your duty, not on results.

• Do not act with selfish desire for rewards.

• Avoid laziness and inaction.

✨ यह श्लोक जीवन का गहरा सत्य सिखाता है –

"कर्म करते रहो, फल की चिंता मत करो।"

यही यज्ञ और जीवन दोनों की आत्मा है।

लाइव यज्ञ प्रसारणLive Yagya Streaming

प्रतिदिन सुबह 7:30 बजे पवित्र यज्ञ समारोह में लाइव भाग लें और दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें

Join the sacred Yagya ceremony live every morning at 7:30 AM and receive divine blessings

लाइव स्ट्रीम / Live Stream

अगला लाइव यज्ञ / Next Live Yagya

कल सुबह 7:30 बजे / Tomorrow 7:30 AM

YouTube पर देखें / Watch on YouTube

दैनिक कार्यक्रम / Daily Schedule

समय / Time:प्रतिदिन 7:30 AM
अवधि / Duration:45-60 मिनट
भाषा / Language:हिंदी / Hindi
इंटरैक्टिव सुविधाएं / Interactive Features

प्रार्थना निवेदन / Prayer Request

लाइव चैट / Live Chat

यज्ञ के दौरान YouTube लाइव चैट में भाग लें और अपने प्रश्न पूछें

Participate in YouTube live chat during Yagya and ask your questions

• मंत्र जप में सहयोग करें / Participate in mantra chanting

• आध्यात्मिक प्रश्न पूछें / Ask spiritual questions

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लाइव यज्ञ के लाभ / Benefits of Live Yagya Participation

तत्काल आशीर्वाद / Immediate Blessings

लाइव यज्ञ में भाग लेने से तत्काल दिव्य आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है

सामूहिक शक्ति / Collective Power

हजारों भक्तों के साथ मिलकर मंत्र जप करने से अधिक शक्तिशाली परिणाम मिलते हैं

आध्यात्मिक शुद्धता / Spiritual Purification

नियमित यज्ञ में भागीदारी से मन, शरीर और आत्मा की शुद्धता होती है

"यज्ञेन यज्ञमयजन्त देवास्तानि धर्माणि प्रथमान्यासन्"

"The gods performed sacrifice through sacrifice - these were the first dharmic acts"

— ऋग्वेद / Rigveda

Arya Samaj Official Logo - Om with Divine Flames

श्रृंगी ऋषिMaharishi Shringi - The Divine Sage

महान ऋषि जिन्होंने भगवान राम के जन्म के लिए पुत्रेष्टि यज्ञ का संचालन किया और आध्यात्मिक ज्ञान के अमूल्य खजाने को संसार में प्रसारित किया

The great sage who conducted the Putreshti Yajna for Lord Rama's birth and spread invaluable spiritual wisdom to the world

जीवन यात्रा / Life Journey

त्रेता युग / Treta Era

श्रृंगी ऋषि त्रेता युग में भगवान राम के समकालीन थे। उन्होंने 284 वर्षों तक यज्ञ विद्या का अध्ययन किया और 184 वर्ष की आयु में वन से लाकर पुत्रेष्टि यज्ञ का संचालन किया।

Contemporary of Lord Rama in Treta era, studied yajna science for 284 years and conducted Putreshti Yajna at age 184.

आदि ब्रह्मा के शिष्य / Disciple of Adi Brahma

सत्युग में आदि ब्रह्मा के वरिष्ठ शिष्य थे। गुरु के श्राप के कारण विभिन्न युगों में जन्म लेना पड़ा और कलियुग में 50 वर्षों का जीवन जीया।

Senior disciple of Adi Brahma in Satyuga, took births in different eras due to guru's curse, lived 50 years in Kaliyuga.

कलियुग में अवतार / Avatar in Kaliyuga

14 सितंबर 1942 को गाजियाबाद के ग्राम खुर्रमपुर-सलेमाबाद में जन्म। अशिक्षित परिवार में जन्म लेकर भी दिव्य प्रवचनों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार किया।

Born September 14, 1942 in Khurampur-Salemabad, Ghaziabad. Despite being born in an illiterate family, spread spiritual knowledge through divine discourses.

दिव्य शक्तियां / Divine Powers

योगिक अवस्था / Yogic State

शवासन की मुद्रा में जाने पर दिव्य प्रवचन होते थे। गर्दन का दाएं-बाएं हिलना, मंत्रोच्चारण और 45 मिनट तक निरंतर आध्यात्मिक उपदेश।

Divine discourses occurred in supine position with neck movements, mantra chanting, and 45-minute spiritual teachings.

सूक्ष्म शरीरों से संपर्क / Contact with Subtle Bodies

अंतरिक्ष में उपस्थित सूक्ष्म शरीरधारी दिव्यात्माओं से संपर्क करके उनके ज्ञान को पृथ्वी पर प्रसारित करते थे। महर्षि लोमश और महानंद जी के साथ सत्संग।

Connected with divine souls in subtle bodies in space, spreading their knowledge on Earth through satsang with Maharishi Lomash and Mahanand.

यज्ञ विशेषज्ञता / Yajna Expertise

50 वर्षों के जीवनकाल में लगभग 5000 वेद आधारित यज्ञ और 35 चतुर्वेद यज्ञों का आयोजन किया। यज्ञ की महत्ता और लाभों का प्रचार-प्रसार।

Organized around 5000 Veda-based yajnas and 35 Chaturveda yajnas in 50 years, promoting the importance and benefits of yajna.

Organized around 5000 Veda-based yajnas and 35 Chaturveda yajnas in 50 years, promoting the importance and benefits of yajna.

मुख्य शिक्षाएं / Core Teachings

श्रृंगी ऋषि की अमूल्य शिक्षाएं जो आधुनिक जीवन में भी प्रासंगिक हैं

यज्ञ की महत्ता / Importance of Yajna

"यज्ञ की अग्नि ईश्वर के वेद ज्ञान का प्रतीक है। तुम अग्नि की रक्षा करो, यह तुम्हारी रक्षा करेगी।"

"Yajna fire is the symbol of God's Vedic knowledge. Protect the fire, it will protect you."

मधुर वाणी / Sweet Speech

"कटु वचन मनुष्य और संसार को दुःख देते हैं। इसलिए व्यक्ति को सत्य और मधुर बोलना चाहिए।"

"Bitter words hurt humans and the world. Therefore, one should speak truth and sweetly."

वेद ज्ञान / Vedic Knowledge

"प्रत्येक वेद मंत्र ईश्वर के ज्ञान और विज्ञान की कुंजी है। वह ईश्वर इतना मूल्यवान और वैज्ञानिक है।"

"Every Veda mantra is the key to God's knowledge and science. That God is so valuable and scientific."

सहयोग की भावना / Spirit of Cooperation

"सच्ची प्रगति सच्ची एकता और सहयोग की भावना तथा विचारों की एकता पर निर्भर करती है।"

"True progress depends on true spirit of union & cooperation and oneness of thoughts."

उच्च जीवन / Noble Life

"उच्च, उदात्त और पवित्र जीवन जिएं और आगे बढ़ें। दृढ़ता और विचारों की एकता के बिना भौतिक और आध्यात्मिक प्रगति असंभव है।"

"Lead a lofty, sublime and pure life and go ahead. Physical and metaphysical progress is impossible without firmness and oneness of thoughts."

🧘
आयुर्वेद ज्ञान / Ayurvedic Knowledge

"क्रोध से कौन सी नाड़ियां नष्ट होती हैं और ज्ञान की सूक्ष्म नाड़ियां कैसे समाप्त होती हैं - इसकी जानकारी आवश्यक है।"

"Knowledge of which nerves get destroyed by anger and how minute nerves of knowledge get finished is essential."

साहित्यिक कृतियां / Literary Works
श्रृंगी ऋषि द्वारा रचित अमूल्य ग्रंथ जो आध्यात्मिक ज्ञान के भंडार हैं

आयुर्वेद ग्रंथ / Ayurveda Text

पृष्ठ संख्या: 3000 पृष्ठ / 3000 pages

विषय: स्वास्थ्य, चिकित्सा और आयुर्वेदिक सिद्धांत

Content: Health, medicine and Ayurvedic principles

इस ग्रंथ में क्रोध से नाड़ियों पर होने वाले प्रभाव और ज्ञान की सूक्ष्म नाड़ियों के नष्ट होने की जानकारी थी।

जैन काल में नष्ट / Destroyed in Jain Period

हृदयांगिनी / Hridayangini

पृष्ठ संख्या: 14,000 पृष्ठ / 14,000 pages

विषय: ईश्वर क्या है और हृदय में कैसे विराजमान है

Content: What is God and how He resides in the heart

14 वर्षों की तपस्या के बाद लिखा गया यह ग्रंथ ईश्वर की उपस्थिति और हृदय में उनके निवास के रहस्य को उजागर करता है।

14 वर्षों की तपस्या का फल / Result of 14 years devotion

श्रृंगी ऋषि की शिक्षाओं को अपनाएं / Embrace Shringi Rishi's Teachings

महान ऋषि की दिव्य शिक्षाओं से अपने जीवन को आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाएं। यज्ञ, मंत्र जप और सत्य के मार्ग पर चलकर जीवन में शांति और समृद्धि पाएं।

Transform your life with the divine teachings of the great sage. Find peace and prosperity by following the path of yajna, mantra chanting, and truth.

🔥 श्रृंगी ऋषि के आशीर्वाद से जीवन में दिव्यता का अनुभव करें

Experience divinity in life with the blessings of Shringi Rishi

पवित्र मंत्र / Sacred Mantras

Divine vibrations for spiritual awakening and inner transformation

गायत्री मंत्र / Gayatri Mantra
The most sacred mantra for enlightenment and wisdom

ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि
धियो यो नः प्रचोदयात्॥

"Om Bhur Bhuvaḥ Swaḥ

Tat-savitur Vareṇyaṃ

Bhargo Devasya Dhīmahi

Dhiyo Yo Naḥ Prachodayāt"

"We meditate on the divine light of the Sun, may it illuminate our minds and guide our understanding"

महा मृत्युंजय मंत्र / Maha Mrityunjaya Mantra
The great mantra for protection, healing and liberation from death

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान्
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

"Om Tryambakam Yajamahe

Sugandhim Pushtivardhanam

Urvarukamiva Bandhanan

Mrityor Mukshiya Maamritat"

"We worship the three-eyed Lord Shiva who is fragrant and nourishes all. May He liberate us from death for the sake of immortality, just as the cucumber is severed from its bondage to the vine"

चार वेद / Four Vedas

सनातन धर्म के आधारभूत ग्रंथ जो मानवता के लिए ईश्वरीय ज्ञान के भंडार हैं

The foundational scriptures of Sanatan Dharma that are treasures of divine knowledge for humanity

ऋग्वेद / Rigveda
The Veda of Praise and Hymns

मुख्य विषय: देवताओं की स्तुति, प्रार्थनाएं और ऋचाएं

Main Content: Hymns of praise, prayers and verses to deities

महत्व / Importance:

ऋग्वेद सबसे प्राचीन वेद है जो आध्यात्मिक ज्ञान और दैवीय शक्तियों की स्तुति करता है। इसमें 1028 सूक्त हैं।

शिक्षाएं / Learnings:

  • • ईश्वर की महिमा और स्तुति
  • • प्राकृतिक शक्तियों का सम्मान
  • • आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग
सामवेद / Samaveda
The Veda of Melodies and Chants

मुख्य विषय: संगीत, मधुर स्वर और यज्ञीय गान

Main Content: Music, melodious tones and sacrificial chants

महत्व / Importance:

सामवेद संगीत और स्वर की शक्ति को दर्शाता है। यज्ञों में गाए जाने वाले मंत्रों का संग्रह है।

शिक्षाएं / Learnings:

  • • संगीत की आध्यात्मिक शक्ति
  • • मंत्र जप की विधि
  • • स्वर और ध्वनि का महत्व
यजुर्वेद / Yajurveda
The Veda of Rituals and Sacrifices

मुख्य विषय: यज्ञ विधि, कर्मकांड और आहुति मंत्र

Main Content: Yajna procedures, rituals and oblation mantras

महत्व / Importance:

यजुर्वेद यज्ञ की सम्पूर्ण विधि और कर्मकांड का विस्तृत वर्णन करता है। इसमें व्यावहारिक आध्यात्म है।

शिक्षाएं / Learnings:

  • • यज्ञ की सही विधि
  • • कर्म और भक्ति का संयोजन
  • • व्यावहारिक आध्यात्म
अथर्ववेद / Atharvaveda
The Veda of Practical Knowledge

मुख्य विषय: आयुर्वेद, ज्योतिष, गृहस्थ जीवन और व्यावहारिक ज्ञान

Main Content: Ayurveda, astrology, household life and practical knowledge

महत्व / Importance:

अथर्ववेद दैनिक जीवन के लिए व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है। इसमें चिकित्सा, ज्योतिष और समाज विज्ञान है।

शिक्षाएं / Learnings:

  • • स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान
  • • ज्योतिष और काल गणना
  • • सामाजिक व्यवस्था और नीति
वेदों का अध्ययन क्यों आवश्यक है? / Why Must We Study the Vedas?

आध्यात्मिक उन्नति / Spiritual Growth

वेद आत्मा की शुद्धता और मोक्ष के मार्ग दिखाते हैं

जीवन में शांति / Peace in Life

वैदिक सिद्धांत मानसिक शांति और संतुष्टि प्रदान करते हैं

व्यावहारिक ज्ञान / Practical Wisdom

दैनिक जीवन के लिए उपयोगी वैज्ञानिक और सामाजिक ज्ञान

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दैनिक यज्ञ अपडेट / Daily Yajna Updates

प्रतिदिन यज्ञ के समय, मंत्र और विशेष निर्देशों की जानकारी प्राप्त करें

ज्ञान साझाकरण / Knowledge Sharing

वैदिक ज्ञान, श्रृंगी ऋषि की शिक्षाएं और आध्यात्मिक चर्चा

सामूहिक साधना / Collective Practice

एक साथ मंत्र जप, यज्ञ में भागीदारी और आध्यात्मिक उन्नति

समुदाय के लाभ / Community Benefits

🔥 दैनिक यज्ञ लिंक / Daily Yajna Links

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📚 बेहतर शिक्षा / Better Learning

सामूहिक चर्चा से वैदिक ज्ञान की गहरी समझ प्राप्त करें

🤝 आध्यात्मिक मित्र / Spiritual Friends

समान विचारधारा वाले साधकों से जुड़ें और प्रेरणा पाएं

⏰ नियमित अभ्यास / Regular Practice

समुदाय के साथ नियमित साधना और अनुशासन बनाए रखें

🙏 आध्यात्मिक यात्रा में हमारे साथ चलें और जीवन में दिव्यता का अनुभव करें

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